Friday, January 6, 2017

Pygmalion & Galatea’ folk tale from Cyprus ’पीगमेलीऐन और गैलेटिया' साइप्रस की प्रसिद्ध प्रेम लोक कथा in Hindi By Kapil Jain







’Pygmalion & Galatea’
folk tale from Cyprus

’पीगमेलीऐन और गैलेटिया'
साइप्रस की प्रसिद्ध प्रेम लोक कथा
in Hindi By Kapil Jain
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शबाब आया, 
किसी बुत पर फ़िदा होने का वक़्त आया,
मेरी दुनिया में, 
बंदे के ख़ुदा होने का वक़्त आया...
.... पंड़ित हरी चंद अख़्तर

'Pygmalion and Galatea' ,1886
Painting by Ernest Normand,
British, 1859 - 1923

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शबाब आया, 
किसी बुत पर फ़िदा होने का वक़्त आया,
मेरी दुनिया में, 
बंदे के ख़ुदा होने का वक़्त आया...
.... पंड़ित हरी चंद अख़्तर

शबाब : youth , prime of life , ज़वानी
बुत : idols , a Metaphor of beloved or beauty ( though literary Statue )
फ़िदा : sacrifice , devotion , devoted
बंदे : a person
ख़ुदा : God
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The Story of ’Pygmalion & Galatea’
in Hindi By Kapil Jain

’पीगमेलीऐन और गैलेटिया'
साइप्रस की प्रसिद्ध प्रेम लोक कथा

पीगमेलीऐन नाम से एक शिल्पकार , साइप्रस देश में अनन्त काल मे बहुत प्रसिद्ध हुआ था , पीगमेलीऐन द्वारा की गयी शिल्पकारी अदभुद थी , उसकी छेनी हथौड़ी जब किसी पत्थर की शिला पर अपना रँग बिखेरती थी , तो परिणाम स्वरुप एक बरबस सजीव प्रतिमा का अनावरण होता ।

पीगमेलीऐन ख़ुद शक़्ल सूरत मे कोई खास नहीं था , असभ्यता की माफ़ी पर सही शब्दों मे कुरूप ही कहा जायेगा , एक तरफ गज़ब शिल्पकारी और दूसरी और कुरूपता, न जाने क्यों ,पीगमेलीऐन की कोई भी सुसंस्कृत खूबसूरत लड़की से मित्रता नहीं हो पायीं । कोई असभ्य , कोई मतलबी , कोई व्यवहार मे रूखी , जो भी औरत उसके जीवन मे आयी सिर्फ धोखा देकर ही गयी ।
कुल मिला कर असर ये हुआ की उसका , सम्पूर्ण औरत जाति से ही मोहः भंग हो गया । उसने प्रण किया की वह कभी शादी ही नहीं करेगा ।

उदेह्लित मन लिये , शांति की तलाश मे फिर रुख किया अपने कला को समर्पित संसार का जहाँ उसने हाथी के एक दांत पर अपनी छेनी हथौड़ी से एक लड़की की आकृति उकेरी , उस आदर्श लड़की की छवि जो उसके मन मे थी ।

आदर्श लड़की की छवि स्वरूप , अपनी कलाकृति संपूर्ण होते ही , उसे एहसास हुआ , की इस कलाकृति की बराबरी कोई और लड़की नही कर सकती , उसे सहसा विश्वास ही नही हो रहा था कि कोई लड़की इतनी भी ख़ूबसूरत हो सकती है । मुड़ मुड़ उसको देखता । बार बार निहारता । ना जाने क्यूँ , फिऱ वही दिल की रगों का टूटना , क्यूँ यह हकीकत नही ? क्यूँ यह है सिर्फ एक बुत ।

एक बात तय थी की पीगमेलीऐन को अपनी इस हाथी दांत की कृति से प्रेम हो चला था , अथाह प्रेम , प्रेम की पराकाष्ठा , इसी प्रेम भावना से सरोबोर उसने उसका नाम रखा Galatea ( गैलेटिया ) , जिसका शाब्दिक अर्थः ही है सफ़ेद जैसे दूध ।

उसने दीवानेपन की सर्वक्षेष्ठ सरहदों को छूते हुए , अपनी हाथी दांत की प्रेयसी गैलेटिया को कीमती वस्त्र और आभूषणों से शुशोभित किया ।

संयोग से साल के लगभग उसी समय सारे साइप्रस में मनाये जाने वाला , वार्षिक उत्सव जिसमे प्रेम की देवी 'Aphrodite' ( एफ्रोडाइट ) की पूजा की जाती है और देवी से मनोकामना स्वरूप अपने दिल की मन्नत मांगी जाती है , का दिन आया ।

पीगमेलीऐन ने प्रेम की देवी 'एफ्रोडाइट' से इस उत्सव मे अपने दिल की तमन्ना प्रार्थना स्वरुप रखी ,

”अगर देवी सब चीजें दे सकती है , तो मुझे मेरी पत्नी मिले"

वह प्रार्थना में कहना तो चाह रहा था ’गैलेटिया’,
पर गलती से कह गया ”हाथी दांत जैसी लड़की"

प्रेम की देवी 'एफ्रोडाइट' तो आखिर देवी थी , मनोकामना पूर्ति हेतु , पवित्र अग्नि की ज्वाला तीन बार पीगमेलीऐन के आशीर्वाद में प्रवज्लित की ।

देवी के आशीर्वाद से अभिभूत पीगमेलीऐन ने घर आकर गैलेटिया का हाथ प्रेमपूर्वक चूमा , इस चुम्बन के नर्म स्पर्श से गैलेटिया जीवंत हो उठी । पीगमेलीऐन ऐसे चौका जैसे ततैये ने डंक मारा हो । वह तो ख़ुशी से पागल हो उठा ।

दोनो ने शादी कर ली और ख़ुशी ख़ुशी अपना जीवन व्यतीत करने लगे । फिर उनके बेटे Paphos ( पफोर्स ) का जन्म हुआ , जिसके नाम पर आज भी साइप्रस के एक शहर Paphos है ।

समाप्त
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Preface
Dear Reader ,

Cyprus folklore ’Pygmalion & Galati’ has inspired artist from all walks of like ,
Painters , Writers , Poets , Actors , etc. ,
Same like Indian folklore Laila Majnu , Sohni Mahiwal etc.

This is my second post regarding this Legend,

First with Sahir Ludhiyanvi’s couplet i.e.
किसी पत्थर की मूर्त से मोहब्बत का इरादा है
On Jean Leon Crome Painting

Now with this second attempt with
Pandit Hari Chand Akhtar's
शबाब आया, किसी बुत पर फ़िदा होने का वक़्त आया,
On Ernest Normand , both paintings with the Same title ’Pygmalion & Galati’

As could not find the same in Hindi font ,
Hence trying to put this beautiful legend in Hindi on Internet .
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©®℗
Kapil Jain,
Kapilrishabh@gmail.com
December 23, 2016
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