Sunday, January 22, 2017

Mai Re माई री, मैं कासे कहूँ पीर, अपने जिया की,

Kapil Jain's Understanding of the
"Mai Re" माई री, मैं कासे कहूँ पीर, अपने जिया की,
माई री, highly intense poem by
Majruh Sultanpuri Sahib from Movie 'Dastak', This Template Audio Sung By
Music Director Madan Mohan Sahib Ji
for the Guidance to Lata Mangeshkar Sahiba, who recorded actual music score. ( No video )

माई री, मैं कासे कहूँ पीर, अपने जिया की, माई री,
Oh My Mother, To Whom
I Share the Distress of my heart?
________________________________
हाँ
माई री, मैं कासे कहूँ पीर, अपने जिया की,
माई री,

ओस नयन की उनके,  मेरी लगी को बुझाये ना,
तन मन भीगो दे आके, ऐसी घटा कोई छाये ना,
मोहे बहा ले जाये, ऐसी लहर कोई आये ना,
ओस नयन की उनके, मेरी लगी को बुझाये ना,
पड़ी नदिया के किनारे मैं प्यासी, माई री,

पी की डगर में बैठे मैला हुआ री मेरा आंचरा,
मुखडा है फीका फीका, नैनों में सोहे नहीं काजरा
कोई जो देखे मैया, प्रीत का वासे कहूं माजरा
पी की डगर में बैठा मैला हुआ री मेरा आंचरा,
लट में पड़ी कैसी बिरहा की माटी, माई री

आँखों में चलते फिरते रोज़ मिले पिया बावरे
बैंया की छैंया आके मिलते नहीं कभी साँवरे
दुःख ये मिलन का लेकर , काह कारूँ , कहाँ जाउँ रे
आँखों में चलते फिरते , रोज़ मिले पिया बावरे ,
पाकर भी नहीं , उनको मैं पाती माई री ...
________________________________

हाँ
माई री, मैं कासे कहूँ पीर, अपने जिया की,
माई री,

Oh My Mother, To Whom I Share the Distress of my heart?

माई री : Oh Mother
मैं कासे : To Whom
कहूँ : Tell
पीर : पीड़ : Pain , Distress
अपने जिया : my heart
________________________________

ओस नयन की उनके,  मेरी लगी को बुझाये ना,
तन मन भीगो दे आके, ऐसी घटा कोई छाये ना,
मोहे बहा ले जाये, ऐसी लहर कोई आये ना,
पड़ी नदिया के किनारे मैं प्यासी, माई री,

ओस नयन की उनके,  मेरी लगी को बुझाये ना,
Moist eyes of beloved failed to
extinguish the fire within me ,

तन मन भीगो दे आके, ऐसी घटा कोई छाये ना,
No rain from overcast skyies drench me to extinguish the fire raging inside.

मोहे बहा ले जाये, ऐसी लहर कोई आये ना,
No wave come to swept me
to librate me from this misery

पड़ी नदिया के किनारे मैं प्यासी, माई री,
I am thirsty even on a river bank within abundance of water , Oh mother

ओस : moist , tear
नयन : eyes
घटा : dense black clouds in horizon
छाये : spread of black clouds
मोहे : to me
बहा : swept
ले जाये : take away
ऐसी : this kind
लहर : wave
नदिया : river
किनारे : bank of river
प्यासी : thirsty
माई : mother
माई री : oh my mother
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पी की डगर में बैठे मैला हुआ री मेरा आंचरा,
मुखडा है फीका फीका, नैनों में सोहे नहीं काजरा
कोई जो देखे मैया, प्रीत का वासे कहूं माजरा
लट में पड़ी कैसी बिरहा की माटी, माई री

पी की डगर में बैठे मैला हुआ री मेरा आंचरा,
waiting on the passage of beloved anticipation of his return endlessly, spoiled my total soul ( metaphorical आंचरा :  आँचल : दुपट्टा : Head Covering : Self Respect )
Or
In endless anticipation of return of beloved lost all self dignity , respect , esteem , confidence .

मुखडा है फीका फीका, नैनों में सोहे नहीं काजरा
Despaired face lost all grace glare ,
eyes doesn't enjoy kohl
Or
Above said endless waiting spoiled the all glory grace of personality as in the deep heart , the innermost sad feeling deject all materialistic cosmetic enjoyment.

कोई जो देखे मैया, प्रीत का वासे कहूं माजरा
What to say to anybody concerned about my sad dull or heartless appearance due to sanctity or privacy of my love towards beloved.

लट में पड़ी कैसी बिरहा की माटी, माई री
Metaphorical : as every one take care of cleanness of hair but the despaired separation spoiled the hairs due to (metaphorical : dust) , dust of neglect , deject , despair , curse on oneself

पी : पिया : beloved
डगर : passage , return path
बैठे : sitted
मैला : filthy , dirty , need washing
री : addressing a female here her mother ( slang )
मेरा : my
आंचरा : vail , scarf , ( metaphorical : self dignity , pride , confidence )
मुखडा : face
फीका : faded ( lost grace , glory )
नैनों : eyes
सोहे : splendid , decoration , enjoyment
काजरा : काजल , black kohl , eyeliner
कोई जो देखे : anyone who see
मैया : माई : माँ : mother
प्रीत : love
वासे : sanctity , privacy
कहूं : to tell
माजरा : the story , narration , episode
लट : Curl in hair , hair’s coil
बिरहा : separation
माटी : dust , mud ,
माई री : oh my mother : addressing mother in despair
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आँखों में चलते फिरते रोज़ मिले पिया बावरे
बैंया की छैंया आके मिलते नहीं कभी साँवरे
दुःख ये मिलन का लेकर , काह कारूँ , कहाँ जाउँ रे
पाकर भी नहीं , उनको मैं पाती माई री ...

आँखों में चलते फिरते रोज़ मिले पिया बावरे
In half senses, eyes I could feel my beloved widely

बैंया की छैंया आके मिलते नहीं कभी साँवरे
But never come within my embracement oh my beloved ( here refered as Lord Krishna :  साँवरे : the ultimate mystic beloved )

दुःख ये मिलन का लेकर , काह कारूँ , कहाँ जाउँ रे
Pain of separation : to whom to tell ? : where to go ?

पाकर भी नहीं , उनको मैं पाती माई री ...
I can't touch even after feeling him
Oh my mother

आँखो : eyes
चलते फिरते : walking , moving
रोज़ : daily
मिले : meet , met
पिया : beloved
बावरे : addressing with Ardour of love
बैंया : arms
छैंया : shadow
बैंया की छैंया : embrace , physically touch
आके मिलते नहीं कभी : never come to meet
साँवरे :  साँवला : dark complextion :
reference to Lord Krishna :
Ultimate Beloved Lover in Indian folklore
दुःख : pain , suffering
मिलन : union
काह : what
कारूँ : to do
काह कारूँ : what to do
कहाँ : where
जाउँ : to go
कहाँ जाउँ रे : where to go
पाकर : feel
पाती : get
माई री : oh my mother
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©®℗
Kapil Jain,
Kapilrishabh@gmail.com
January , 22   2017

Friday, January 6, 2017

Pygmalion & Galatea’ folk tale from Cyprus ’पीगमेलीऐन और गैलेटिया' साइप्रस की प्रसिद्ध प्रेम लोक कथा in Hindi By Kapil Jain







’Pygmalion & Galatea’
folk tale from Cyprus

’पीगमेलीऐन और गैलेटिया'
साइप्रस की प्रसिद्ध प्रेम लोक कथा
in Hindi By Kapil Jain
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शबाब आया, 
किसी बुत पर फ़िदा होने का वक़्त आया,
मेरी दुनिया में, 
बंदे के ख़ुदा होने का वक़्त आया...
.... पंड़ित हरी चंद अख़्तर

'Pygmalion and Galatea' ,1886
Painting by Ernest Normand,
British, 1859 - 1923

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शबाब आया, 
किसी बुत पर फ़िदा होने का वक़्त आया,
मेरी दुनिया में, 
बंदे के ख़ुदा होने का वक़्त आया...
.... पंड़ित हरी चंद अख़्तर

शबाब : youth , prime of life , ज़वानी
बुत : idols , a Metaphor of beloved or beauty ( though literary Statue )
फ़िदा : sacrifice , devotion , devoted
बंदे : a person
ख़ुदा : God
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The Story of ’Pygmalion & Galatea’
in Hindi By Kapil Jain

’पीगमेलीऐन और गैलेटिया'
साइप्रस की प्रसिद्ध प्रेम लोक कथा

पीगमेलीऐन नाम से एक शिल्पकार , साइप्रस देश में अनन्त काल मे बहुत प्रसिद्ध हुआ था , पीगमेलीऐन द्वारा की गयी शिल्पकारी अदभुद थी , उसकी छेनी हथौड़ी जब किसी पत्थर की शिला पर अपना रँग बिखेरती थी , तो परिणाम स्वरुप एक बरबस सजीव प्रतिमा का अनावरण होता ।

पीगमेलीऐन ख़ुद शक़्ल सूरत मे कोई खास नहीं था , असभ्यता की माफ़ी पर सही शब्दों मे कुरूप ही कहा जायेगा , एक तरफ गज़ब शिल्पकारी और दूसरी और कुरूपता, न जाने क्यों ,पीगमेलीऐन की कोई भी सुसंस्कृत खूबसूरत लड़की से मित्रता नहीं हो पायीं । कोई असभ्य , कोई मतलबी , कोई व्यवहार मे रूखी , जो भी औरत उसके जीवन मे आयी सिर्फ धोखा देकर ही गयी ।
कुल मिला कर असर ये हुआ की उसका , सम्पूर्ण औरत जाति से ही मोहः भंग हो गया । उसने प्रण किया की वह कभी शादी ही नहीं करेगा ।

उदेह्लित मन लिये , शांति की तलाश मे फिर रुख किया अपने कला को समर्पित संसार का जहाँ उसने हाथी के एक दांत पर अपनी छेनी हथौड़ी से एक लड़की की आकृति उकेरी , उस आदर्श लड़की की छवि जो उसके मन मे थी ।

आदर्श लड़की की छवि स्वरूप , अपनी कलाकृति संपूर्ण होते ही , उसे एहसास हुआ , की इस कलाकृति की बराबरी कोई और लड़की नही कर सकती , उसे सहसा विश्वास ही नही हो रहा था कि कोई लड़की इतनी भी ख़ूबसूरत हो सकती है । मुड़ मुड़ उसको देखता । बार बार निहारता । ना जाने क्यूँ , फिऱ वही दिल की रगों का टूटना , क्यूँ यह हकीकत नही ? क्यूँ यह है सिर्फ एक बुत ।

एक बात तय थी की पीगमेलीऐन को अपनी इस हाथी दांत की कृति से प्रेम हो चला था , अथाह प्रेम , प्रेम की पराकाष्ठा , इसी प्रेम भावना से सरोबोर उसने उसका नाम रखा Galatea ( गैलेटिया ) , जिसका शाब्दिक अर्थः ही है सफ़ेद जैसे दूध ।

उसने दीवानेपन की सर्वक्षेष्ठ सरहदों को छूते हुए , अपनी हाथी दांत की प्रेयसी गैलेटिया को कीमती वस्त्र और आभूषणों से शुशोभित किया ।

संयोग से साल के लगभग उसी समय सारे साइप्रस में मनाये जाने वाला , वार्षिक उत्सव जिसमे प्रेम की देवी 'Aphrodite' ( एफ्रोडाइट ) की पूजा की जाती है और देवी से मनोकामना स्वरूप अपने दिल की मन्नत मांगी जाती है , का दिन आया ।

पीगमेलीऐन ने प्रेम की देवी 'एफ्रोडाइट' से इस उत्सव मे अपने दिल की तमन्ना प्रार्थना स्वरुप रखी ,

”अगर देवी सब चीजें दे सकती है , तो मुझे मेरी पत्नी मिले"

वह प्रार्थना में कहना तो चाह रहा था ’गैलेटिया’,
पर गलती से कह गया ”हाथी दांत जैसी लड़की"

प्रेम की देवी 'एफ्रोडाइट' तो आखिर देवी थी , मनोकामना पूर्ति हेतु , पवित्र अग्नि की ज्वाला तीन बार पीगमेलीऐन के आशीर्वाद में प्रवज्लित की ।

देवी के आशीर्वाद से अभिभूत पीगमेलीऐन ने घर आकर गैलेटिया का हाथ प्रेमपूर्वक चूमा , इस चुम्बन के नर्म स्पर्श से गैलेटिया जीवंत हो उठी । पीगमेलीऐन ऐसे चौका जैसे ततैये ने डंक मारा हो । वह तो ख़ुशी से पागल हो उठा ।

दोनो ने शादी कर ली और ख़ुशी ख़ुशी अपना जीवन व्यतीत करने लगे । फिर उनके बेटे Paphos ( पफोर्स ) का जन्म हुआ , जिसके नाम पर आज भी साइप्रस के एक शहर Paphos है ।

समाप्त
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Preface
Dear Reader ,

Cyprus folklore ’Pygmalion & Galati’ has inspired artist from all walks of like ,
Painters , Writers , Poets , Actors , etc. ,
Same like Indian folklore Laila Majnu , Sohni Mahiwal etc.

This is my second post regarding this Legend,

First with Sahir Ludhiyanvi’s couplet i.e.
किसी पत्थर की मूर्त से मोहब्बत का इरादा है
On Jean Leon Crome Painting

Now with this second attempt with
Pandit Hari Chand Akhtar's
शबाब आया, किसी बुत पर फ़िदा होने का वक़्त आया,
On Ernest Normand , both paintings with the Same title ’Pygmalion & Galati’

As could not find the same in Hindi font ,
Hence trying to put this beautiful legend in Hindi on Internet .
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©®℗
Kapil Jain,
Kapilrishabh@gmail.com
December 23, 2016
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