Sunday, October 23, 2016

"Break Down" to "Break-Down"

Kapil Jain's Story :
From "Break Down" to "Break-Down"

बात सन 1985-86 के करीब की रही होगी , दिसम्बर का आखिर या जनवरी की शुरुवात ,  कुछ अंदाज़ा ही है ,  क्योंकि उस रात बेहद सर्दी के साथ धुंद इतनी ज्यादा थी की सड़क पर दस बारह फुट से ज़्यादा नहीं दिख रहा था ।

उस रात , गाड़ी चलाना बहुत ही ज़ोखिम भरा काम था ,
उन दिनों आज की तरह मोबाइल फ़ोन नहीं होते थे।

लगभग रात के नो बजे होंगे , पिताजी ओखला से करोल बाग़ , घर अभी तक नहीं पहुँचे थे , आप अमुमन शाम छः बजे तक आ जाते थे , परिवार के सभी सदस्य अत्यंत गहन चिंता में थे । ओखला मे फैक्ट्री की बिल्डिंग का निर्माण प्रगति पर था ,  फ़ोन मिलाने पर वहाँ का टेलीफोन लगातार बज रहा था , कोई उठा नहीं रहा था , शायद चौकीदार इधर उधर खाना वाना खाने चला गया होगा ?

कुल मिलाकर, सारी परिस्थियों ने चिंता को असहनीय बना दिया , हम दोनों भाइयो ने अपने टू व्हीलर स्कूटर से ओखला जाना का निर्णय लिया जो करीब बीस किलोमीटर है  , बड़े भाई साहिब का अंदाज़ा था कि हमारी अम्बेस्डर कार कही रास्ते मे खराब हो गयी है , जिसकी वजह से पिताजी अभी तक घर नहीं पंहुचे , स्कूटर मै चला रहा था और पीछे भाई कार को तलाशने की कोशिश में थे। धुंद इतनी ज़्यादा थी की स्कूटर चलाना और देखना अपने आप मे एक चैलेन्ज था ।

धीरे धीरे ओखला की तरफ बढ़ते हुए करीब एक धंटे के बाद ग्रेटर कैलाश के करीब मे कार दिखी , जान मे जान आयी , पिताजी और ड्राइवर भुवन सिंग दोनों मिले , पता चला की अम्बेस्डर कार के कार्बुटर में कुछ कचरा था , पिताजी ने बताया कि फैक्ट्री से ही आज करीब एक घंटा देर से निकले क्योंकि ठेकेदार से हिसाब मे समय लग गया था , फिर कार ख़राब हो गयी , सड़क किनारे मेकैनिक ने भी ठीक किया , फिर भी थोड़ी दूर बाद फिर बंद हो गयी , क्योकि धुंद और ठंड भी बहुत थी , तब तक दस बज गये ।

अब दो तरीके थे , पहला की गाड़ी, वही सड़क के किनारे छोड़े और टैक्सी मे घर जाए , दूसरा गाड़ी को टैक्सी से खींच कर घर ले जाये , दूसरे मे फ़ायदा ये था कि घर पर गाड़ी जान पहचान क़े कारीगर से ठीक करवा ले और अगला दिन सब आसान हो जाये। अतः दूसरा तरीका ही तय हुआ ।

कई गाड़ियों , टेम्पो , टैक्सियों को पूछा , कोई राज़ी ही नहीं हुआ ।

इसी बीच एक टैक्सी वाले ने बताया कि धोड़ी ही दूर पर अर्चना सिनेमा के बाहर एक टैक्सी स्टैंड है , वहां से आपको टैक्सी मिलेगी जो कार को खींच कर ले जा सकती है । मै अकेला स्कूटर पर टैक्सी स्टैंड पंहुचा , वहां एक ही टैक्सी खड़ी थी , साथ ही टेंट का तंबु था , दरवाजे पर जो पर्दा था , हटाकर अंदर देखा की ड्राइवर तंबु में रजाई मे दुपक कर सो रहा था , एक छोटा लड़का और जग रहा था । तंबू अंदर काफी गरम था तसले मे कोयले लाल जल रहे थे । मैने उससे पूछा टैक्सी ड्राइवर कौन है ? बातचीत की आवाज़ सुन , ड्राइवर ने मुँह रजाई से बाहर निकला ।

मैने ड्राइवर से कहा कि हमारी कार ”Break Down” हो गयी है, उसको खिंच कर करोल बाग ले जाना है , करीब एक मिनट के सन्नाटे के बाद वो बोला पांच सौ रूपये लगेंगे , पांच सौ रुपये ? नार्मल किराये से पांच गुना ज्यादा । भाई साहिब कुछ कम ले लो मैने पूछा ? जवाब आया पाँच सौ ही लगेंगे । मरते क्या ना करते मैने कहा ठीक है । मैने यह भी पूछ लिया की आपके पास कार खीचने की रस्सी है , वो बोला यह सब अब मुझ पर छोड़ दो , जवाब से मै भी निश्चिन्त हो गया । ड्राइवर रजाई से बाहर आया , पाजामे में था , पता नहीं क्या सूझी उसे , तम्बु का पर्दा हटा कर सर बाहर निकला , बाहर की बेहद सर्द हवा और धुंद को महसूस किया , अंदर और बाहर के तापमान के फ़र्क ने तुरंत उसकी आँखे पूरी तरह खुल दी । बोला में कपड़े पहनकर आता हूँ । मै बाहर इंतज़ार करने लगा ।  पांच मिनट बीते , आठ मिनट बीते , जब दस मिनट हुए तो मैने बैचेनी में आवाज़ देखकर पूछा भाई साहिब कहा हो ? अंदर से जवाब आता इससे पहले मैने पर्दा हटाया हो पाया, ड्राइवर रजाई के अंदर ,  बोला बहुत ही रिस्क है इसमें ,
मुझे उसकी बात समझ नहीं आयी , क्या रिस्क है मैने पूछा ? बोला कि जब आपकी गाड़ी को रस्सी से खींचूंगा तो आपकी गाड़ी , मेरी गाडी को पीछे से ठोक देगी ।
मैने पूछा , क्यूँ ठोक देगी ? मेरे भाई पीछे कार मे हमारा ड्राइवर होगा वोह कार को रोकेगा ?

जवाब आया , आपकी गाड़ी के तो Break ही Down है , आपका ड्राइवर पीछे की गाड़ी रोक ही नही सकता , वोह मेरी गाड़ी को रास्ते मे पीछे से ठोक सकता है , बहुत रिस्क है । Break ही Down है ? मुझे समझ ही नहीं आयी की इसका क्या अर्थ है ? भाई मेरी गाड़ी की Break बिलकुल ठीक है , मेरा ड्राइवर कार को Break लगायेगा और कार रुकेगी । वोह मुझसे बोला , आप ही ने तो कहा था कि कार "Break Down” है ।

मुझे सारी बात समझ मे आ गयी , तब तक मेरा दिमाग़ भी सटक चुका था । मैने झल्लाते हुए कहा कि कार "Break Down” का मतलब है कि कार खराब हो गयी है , इसका मतलब यह नहीं है कि कार की  Break Fail है ।

बाहर की कड़क ठंड , तंबू अंदर गरम रजाई
बोला मै नहीं जाऊंगा ।

हम सब जैसे तैसे घर पहुँचे ।

भाषा में सही शब्दों का चयन का मक़सद ?

"Break Down" से  ”Break-Down”
इत्यादि शब्दों का दूरी का पैमाना ( - )

Kapil Jain
9810076501
Kapilrishabh@gmail.com
Noida,  October 23, 2016

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